भजन -5
कुछ मेहर हो ईधर भी मेरे शहनशाहे आली
प्याली ये मेरे दिल की कब से पड़ी है खाली
1. मैंने सुना है हस्ती सबसे तेरी जुदा है
इस भेष में बशर के मेरे पीर तू खुदा है
जिसने तुझे पुकारा रहमत उसी ने पाली
प्याली.........
2. तेरी शान है ईलाही जलवा तेरा नूरानी
खुश रंग हर अदा है तेरी दात बेमिसाली
महिमा तेरी अनोखी महिमा तेरी निराली प्याली.......
3. त्रेता में राम तुम थे, द्वापर में तुम मुरारी
कलयुग में आप दाता हो संत रूप धारी
लगता है तेरी सूरत जन्मों से देखी भाली
प्याली........
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