भजन
-7
तू ही तो सतगुरु मेरा तू ही है रहनुमा
तू ही तो अन्तर मन में तू ही है हर जगह
तू ही आँखो का उजाला तू ही मेरा हारां वाला
और कुछ न जानूँ बस इतना ही जाँनू
तुझमे रब दिखता है तेरी पूजा करूँ
सजदे सिर झुकता है तेरी पूजा करूँ
1.
श्री
चरणों की पावन धूली मस्तक पे मैं लगाता रहूँ -2
दिल चाहे मेरा दर्शन तेरा मैं सदा यूँही पाता रहूँ
-2
तू
ही जन्मों की दौलत, तू ही दिल की है रोनक और कुछ ना..............
2.
तुझको
पाकर सतगुरु मेरे मैंने सब कुछ ही है पा लिया -2
जीवन में कुछ आस नहीं है सारी दुनियां का धन पा
लिया -2
तू
ही अँखियों की ठण्डक तू ही मेरी इबादत और कुछ ना..............
3.
तेरा
मेरा नाता प्रभु जी, रहे जन्मों जन्म तक सदा -2
रहूँ सदा चरणों में तेरे यही मेरे दिल की है दुआ -2
तू ही सबका है दाता, तू ही भाग्य विधाता और कुछ ना..............
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