Thursday, December 31, 2020

1. ह्रदय विराजों सतगुरु प्यारे

 

भजन -1

 

ह्रदय विराजों सतगुरु प्यारे अरजां करां मैं दाता दर पे तुम्हारे 

 

1. मन मेरा बांधो स्वामी श्री चरणन से -2

निर्धन की झोली भर दो, नाम के धन से -2

नाम ही सतगुरु मेरे काज सवारे ह्रदय विराजों.............

 

2. भटके चौरासी में जीवन की नईयां -2

आ जाओं सतगुरु प्यारे, बन के खवैईयां -2

पतवार थामों लगा दो किनारे ह्रदय विराजों.............

 

3. माया मंझधार मेरी सुरती न भटके -2

लहरों पे भव सिन्धु की, नईयां न अटके -2

पतवार थामों लगा दो किनारे ह्रदय विराजों.............

 

4. ह्रदय मंदिर में मेरे आसन हो तेरा -2

आसन पे मेरे सतगुरु, शासन हो तेरा -2

तुझको ये दास एक पल न विसारे ह्रदय विराजों.............

 

5. एक पल वी मन ये मेरा तुझको न भूले -2

स्वासों का झूला दाता, खाली न झूले -2

तुझ बिन जग से स्वामी कौन उबारे ह्रदय विराजों.............

 

 

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2. गुरु जी मैनूँ भूल ना जाना

                                                                         भजन-2

 

गुरु जी मैनूँ भूल ना जाना, मेरे घर फेरा पाना

 

रोंदियाँ ने अखियाँ दीदार दे लई

 

1. दिन रात रोन अखां, हंजुआँ नूँ कित्थे रखां

ऐनी गल दस जाओ, दस जाओ गुरु जी -2

 गुरु जी मैनूँ…………..

 

2. तेरे दर आवां किवें, दुखड़े सुनावां किंवे 

ओखियाँ ने तेरियाँ, रावाँ गुरु जी -2

गुरु जी मैनूँ…………..

 

3. दास दिलां गीर होया, दर दा फकीर होयां

दिल विच वस जाओ, वस जाओं गुरु जी -2

गुरु जी मैनूँ…………..

 

 

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3. सागर को प्यारे हैं मोती

 

भजन-3

 

सागर को प्यारे हैं मोती, दीपक को प्यारी उसकी ज्योति

 

राधा को घनश्याम हैं प्यारें, हनुमान को श्री राम हैं प्यारें

 

हमको तेरा द्वारा हारां वालया सबको लगे प्यारा हारां वालया

 

1.  पर्वत को बर्फों के नज़ारें, हमको दाता चरण तुम्हारे -2

दिल में छाए अजब नजारां, जब मिल जाये दर्श तुम्हारा -2

सुंदर रूप है प्यारा हारां वालया सबको लगे प्यारा..................

 

2.  मुरली को उसकी तान है प्यारी, हमको प्रभु मुस्कान तुम्हारी -2

फूल को खुशबू उसकी प्यारी, हमको प्रभु जी छवि तुम्हारी -2

पूजे तुझे जग सारा हारां वालया सबको लगे प्यारा...............

 

3.  मेहंदी को प्यारी उसकी रंगत, संत को प्यारी उसकी संगत -2

गाऊँ मैं तेरी महिमा प्यारी, दास को मिली है शरण तुम्हारी -2

     और तेरा जय कारा हारां वालया सबको लगे प्यारा................

 

 

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4. मुझे भक्ति की दौलत

 

भजन-4

 

मुझे भक्ति की दौलत से प्रभु भरपूर कर देना

 

विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना

 

1. जपूँ मैं रात दिन सतगुरु, तेरे ही नाम की माला -2

पिला कर प्रेम का प्याला प्रभु भरपूर कर देना…………………

 

2. रहे न कामना जग की, कोई भी दिल में ऐ सतगुरु -2

तुम्हीं हो दिल में ऐ सतगुरु दया ये हुजुर कर देना…………………

 

3. ना छूटे दर तेरा सतगुरु, है अभिलाषा यही दिल में -2

बीमारी मोह ममता की ऐ मालिक दूर कर देना...................

 

4. तेरे दासों का बन के दास, बिताऊँ जिंदगी अपनी -2

बख्श कर दीन को दाता अहंता चूर कर देना.....................

 

 

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5. तुम विनती सुनो सबकी

 

भजन-5

 

तुम विनती सुनो सबकी कल्याण करो सबका

 

सत् राह दिखा कर के रोशन करो जग सारा

 

1. दर्शन हो प्रभु तेरे सब की अभिलाषा है -2

मन में रहो तुम सबके तुम से यही आशा है -2

क्या मेरा क्या उसका ये अपना पराया क्या

तुम ज्ञान बड़ा कर के रोशन करो जग सारा....................

 

2. संसार तो माया है कही धूप कही छाया है -2

एक दिन उसे जाना है जो भी यहाँ आया है -2

क्या रंग है जीवन का क्या रूप है मानव का

तुम राह दिखा कर के रोशन करो जग सारा.......................

 

 

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6. जे तू ना फड़दा साडी बाँह

 

भजन-6

 

जे तू ना फड़दा साडी बाँह असां रुल जाना सी

 

सानु कित्थे ना मिलदी थां असां रुल जाना सी

 

1. असी पतयां वाँगू दर-दर ते रुलदे सी

गल-गल विच साडी अखियाँ च हंजू डूलदे सी

तू देंदा ना खुशियाँ असां रुल जाना सी सानु................

 

2. एक नजर मेहर दी सतगुरु दी जद होंदी है

फिर खाक दी ढ़ेरी जा अम्बरां नूँ छुन्दी है

तू करदा ना निगाह असां रुल जाना सी सानु…………………..

 

3. ना हसँदी खेलदी ऐ जिन्दगानी होनी सी

इस जिंदगी दी कुछ होर कहानी होनी सी

सो रब दी मैं सच्ची कहां असां रुल जाना सी सानु...............

 

4. चाहें लखां होन जुबांना गुण ना गा सकदें

मेरे सतगुरु तेरा कर्ज कदे ना ला सकदे

तू देंदा ना खुशियाँ असां रुल जाना सी सानु .....................

 

 

 

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7. ख्वाबों में तू है ख्यालों

 

भजन-7

 

ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू है जिधर देखता हूँ उधर तू ही तू है

1. मुझे हर जन्म में है जिसने सम्भालां 

  और भव के बंधन से है जिसने निकाला

मेरे देवता तू वही हू–बू–हू है जिधर देखता हूँ…………………..

2. नफस की ख्वाहिश गमों को बढाये

प्रभु नाम बक्शों के संतोष आये

यही है तमन्ना यही आरजू है जिधर देखता हूँ…………………….

3. दिल में जो उतरी है तस्वीर तेरी

तो मस्तक पर उभरी है तदवीर तेरी

तू ही मेरे दिल में तू ही रू–बू-रू है जिधर देखता हूँ………………….

4. कभी आप कुछ मांगने को कहेंगे

तो तुम से तुम्हीं को प्रभु मांग लेंगें

तुम्हारी ही हर दम हमें जू-स्त-जू है जिधर देखता हूँ……………………….

5. तेरे नाम की धुन में गीत गाऊँ

के दरगाह में तेरी प्रभु जब मैं आऊँ

तो आवाज आये ये रूह सुर्ख रूह है जिधर देखता हूँ………………………..

6. झलकता है सीने में जो प्यार तेरा -2

है मुझपे ये सतगुरु उपकार तेरा -2

तू ही पीर मेरा तू ही सतगुरु है जिधर देखता हूँ……………………….

 

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8. खोलो दया का द्वार गुरु

 

भजन-8

 

खोलो दया का द्वार गुरु जी अब खोलो दया का द्वार

 

जन्म जन्म से भटक रहा हूँ मत करना इंकार

 

गुरु जी अब खोलो दया का द्वार

 

1. तेरा मेरा नाता पुराना तू दाता मैं भिखारी -2

प्रेम की भिक्षा डाल दो अब तो खड़ा मैं झोली पसार -2

गुरु जी अब खोलो दया का द्वार..................

 

2. मत ठुकराना दीन को भगवन पतीत हूँ फिर भी तेरा -2

या तो कह दो पतितों का तूने किया ना कभी उद्धार -2

गुरु जी अब खोलो दया का द्वार…………….

 

3. तुम भी अगर प्रभु ठुकराओगे मिलेगा कहाँ ठिकाना -2

सब द्वारों को छोड़ के अब तो पकड़ा तेरा द्वार -2

गुरु जी अब खोलो दया का द्वार………………..

 

4. करुणा सिंधु कहलाते हो करो कृपा अब स्वामी -2

बाँह पकड़ लो माँझी अब तो नईयां पड़ी मँझधार -2

गुरु जी अब खोलो दया का द्वार..............

 

 

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9. सतगुरु प्यारे तेरे हवाले

 

भजन-9

 

सतगुरु प्यारे तेरे हवाले जन्म मरण के फेरे

 

हुन सानु फिक्र नहीं असी हो गए हां तेरे

 

1. शुक्र खुदा दा जन्म ऐ मिलया

एक संजोग तेरे नाल है मिलया

तेरी दया नाल मिट गए मेरे, पाप ते ताप घनेरे हुन सानु.............

 

2. तेरी शरण विच हुन मै जीवां

नाम दा अमृत हर दम पीवां

हर वेले ही नजर तू आवे, मेरे चार चफेरे  हुन सानु.............

 

3. लोहा पारस संग तर जाये

रूप बदल कंचन हो जाये

तर जाये लोहा लकड़ी संग, दास लगा लड़ तेरे हुन सानु.............

 

 

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10. जहाँ प्रभु नाम के सुमिरन

 

भजन-10

 

जहाँ प्रभु नाम के सुमिरन का रहता नित नया सवेरा

वो आनंदपुर है मेरा .....................

 

1. यहाँ प्रेम के रंग में रंगी हुई है, हर पत्ती हर डाली -2

यह देश है जिसमे संतो की, रहती है नित दीवाली -2

यहाँ एक जोत व्यापक है जिसमे, नहीं है तेरा मेरा वो आनंदपुर है.......

 

2. यह वो ज्योति योगी जन जिसका, ध्यान सदा धरते है -2

जिस जोत से सूरज चाँद सितारे, जग चानन करते है -2

वही अजर-अमर पावन प्रभु ज्योति, करती दूर अँधेरा वो आनंदपुर है.....

 

3. बिन कानों के यहाँ शब्द सुने, आँखो बिन गुदें माला -2

बिन बादल के बूँदे बरसें, बिन सूरज रहे उजाला -2

वो दायम कायम सुख जिसमे, संतो ने डाला डेरा वो आनंदपुर है.........

 

4. यहाँ तीन नदी का संगम है जो पाप ताप हरता है -2

यहाँ गगन गुफा है भीतर जिसके अमृत रस झरता है -2

बिन गुरु किरपा के लग नहीं सकता, जिस धरती पर फेरा वो आनंदपुर.

 

5. यहाँ काल माया के अंधकार का दखल नहीं है कोई -2

जो सतगुरु देव का प्यारा इस देश में पहुँचे सोई -2

विरला गुरुमुख ही दासां, पाता है यहाँ बसेरा वो आनंदपुर है..............

 

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