भजन -13
ओ आयें तेरी
शरण, मांगे भक्ति का धन -2
रहें तुझमें
मगन, थाम कर ये चरण,
तन मन में
भक्ति ज्योत तेरी ओ दाता जलती रहे
1. उत्सव मनाएँ, नाचें गायें -2 चलो सतगुरु के दर जाएँ
चारों दिशाएँ सेवा में खड़ी है, सतगुरु की देखो कैसे किरपा
बनी है
सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने श्री आनंदपुर
सजाया....
करके तेरा दर्शन, झूमें धरती गगन -2
सन नन् गायें पवन, सभी तुझमें मगन
तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, ओ दाता जलती रहें
2. फूलों ने रंगो से रंगोली सजाई
-2 सारी धरती ये महकाईं...
चरणों में झुकता हैं संसार सारा, आरती का गीत लगें हर इक
सितारा
पुरवैया देखो चँवर कैसे झुलाएं, ऋतुएँ भी सतगुरु का
गुणानुवाद गायें
पाके भक्ति का धन, हुआ सफल जन्म -2, करके तेरा सुमिरण,
खुले अंतर नयन तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, ओ दाता जलती रहें
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