भजन-4
मुझे भक्ति की दौलत से प्रभु भरपूर कर देना
विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना
1. जपूँ मैं रात दिन सतगुरु, तेरे ही नाम की माला -2
पिला कर प्रेम
का प्याला प्रभु भरपूर कर देना…………………
2. रहे न कामना जग की, कोई भी दिल में ऐ सतगुरु -2
तुम्हीं हो
दिल में ऐ सतगुरु दया ये हुजुर कर देना…………………
3. ना छूटे दर तेरा सतगुरु, है अभिलाषा यही दिल में -2
बीमारी मोह
ममता की ऐ मालिक दूर कर देना...................
4. तेरे दासों का बन के दास, बिताऊँ जिंदगी अपनी -2
बख्श कर दीन
को दाता अहंता चूर कर देना.....................
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