भजन -43
वेखों वेखों गुरां दे मलंग नचदे
आज मस्ती च होके अंग संग नचदे
1. सोने
गुरां दे रंगा विच रंगे गए ने
नाम
दी गंगा विच चंगे होन गए ने
लय
के रहमता गुरां तो अंग संग नचदे वेखों...........
2. बे
सुध मस्ती च पोंदे ने धमाल ने
भक्ति
कमोंदे आज भक्त कमाल है
घूम
-2 पब चक के ओ दिल दी उमंग नचदे वेखों...........
3. जीना
ने प्रीता चरणा दे नाल लाइयाँ
दिल
उत्ते खुशियाँ ते चहरे ते लालियाँ
सुख
ओन्हा दे अंग संग नचदे वेखों...........
4. मस्ती
दे विच होए रहंदे मस्ताने ने
नचन
वाले ता आज हो गए दीवाने ने
लय
के गुरां जी तो लय के सत रंग नचदे वेखों...........
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