Thursday, December 31, 2020

41. शाम सवेरे देखूँ तुझको

 

भजन -41

शाम सवेरे देखूँ तुझको कितना सुंदर रूप है

तेरा साथ है ठण्डी छाया बाकी दुनिया धुप है

जब -2 भी इसे पुकारूँ मैं तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं

मेरा शाम आ जाता मेरे सामने, मेरा शाम आ जाता हर बात में

 

  1. हम छोटे बच्चों के सिर पे, हाथ सदा ये धर देता

पाँच विकारों को त्याग हमें ये पांच नियम है सिख लाता

ये बाते सोच विचारू मैं तेरी याद को दिल में बसा लूँ मैं

मेरा शाम........

 

  1. गिरने से पहले ही आकर शाम मुझे संभालेगा

पूरा है विश्वास दास को तुफानो से निकालेगा

ये तन मन तुझ पे वारूँ मैं तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं

मेरा शाम...........

 

 

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