भजन -22
सोने सोने जी दर्शन दे नजारें वेख लो, दरबार विच चन ते सितारे वेख
लो
किने सज रहें मेरे हारां वाले वेख लो, दरबार विच चन ते सितारे वेख लो
घड़ियाँ घड़ियाँ शुभ शुभ घड़ियाँ -2 दरबार च रोनका लगियाँ,
हो ओ ओ हो.......
आके खुशीयाँ च नच के ते गा के वेख लो
सोने...........
हैप्पी बर्थड़े सोनेयों, मुबारक बाद सोनेयों -2,
अज नच नच होये हाँ निहाल सोनेयों
1. दिन भागा भरया ऐ -2, दर्शन पाएँ श्याम दे दिल ठंडा ठरया ऐ
2. बदला तो चन दिसया -2, सतगुरु प्रकट हुए मेहरां दा मीं वसेया
3. सब बोलो जयकारा -2 सच्चा मैनूँ
साहिब मिलया श्री आनंदपुर वाला
4. पिता अर्जुन, माँ ज्ञान देवी -2 जिना ऐसा पुत जाया जो आया जग तारण लई
5. युगों युग तेरा राज़ रहें -2 दासां
दे सिर ते सदा दाता तेरा हाथ रहें
1926, 20 सितम्बर,
अमृतसर, अजनाला….
प्रकट हुए
श्री सतगुरु दाता श्री आनंदपुर वाला, हो ओ ओ हो श्री आनंदपुर वाला
श्री आनंदपुर
का दिव्य नज़ारा,
चारों दिशा मंगल छाया,
भक्ति मुक्ति
का पावन दर ये हम भक्तों ने पाया, हो ओ ओ हो
अंबर झूमें
धरती नाचे बोले सब जय जय कारें, तुझ को पाकर धन्य हुए है
प्रभु जी दास
तुम्हारे, हो ओ
ओ हो
जग मग जग मग
दीप जलें है, गूँज
रहीं शहनाई, संगत सारी देती है मिलकर
प्रभु को आज
बधाई, हो ओ ओ हो..... प्रभु को आज
बधाई.... प्रभु को आज बधाई...
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