Thursday, December 31, 2020

44. मेला गुरां दे घर नी चल

भजन -44

 

मेला गुरां दे घर नी चल आनंद पुर नू चलिए

सोना रब दा दर नी चल आनंदपुर नू चलिए

 

1. ना कर जिन्दे तेरी मेरी

दो दिन तेरा सफ़र नी चल आनंदपुर नू चलिए

 

2. गड्डी चढ़ जा दिल दे शहर तो

भावे हो जाए शब शहर तो

छड के सारे फिक्र नी चल आनंदपुर नू चलिए

 

3. श्रद्धा वाली चुनरी पाके

पैरी झांझर प्रेम दी पाकर

ला इश्के दा इतर नी चल आनंदपुर नू चलिए

 

4. खाली मन नू मंदिर बना के

गुरां दी मूरत विच सजा के

होए दम -2 नाम सिमर नी चल आनंदपुर नू चलिए

 

5. जो रूहां वी दर ते बुलाईयाँ

सबना नू दासी देवे वधाईयां

मेरी भी साहिब नू खबर नी चल आनंदपुर नू चलिए

 

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