Tuesday, December 29, 2020

17. आनंदपुर के वाली शहंशाहे

 

भजन -17

 

आनंदपुर के वाली शहंशाहे आली

नजरे उठाये दामन फैलाये दर पे खड़े है बन के सवाली

1.  जिसने सजदा किया बरकतें पा गया

बशर के भेष में तू खुदा आ गया

मुबारक जमाने में है तेरा ये आना, के बेआसरों की बनी है दीवाली

आनंदपुर के वाली................

 

2. कौन है फैज तुमसे जो पाता नहीं

तेरे जैसा ज़माने में दाता नहीं

डंका तेरी शान का चारों तरफ बज रहा तेरे दर की अजमत जहां से निराली

आनंदपुर के वाली................

 

3. हो गई है मोहब्बत तेरे नाम से

हम को तो काम है एक तेरे ध्यान से

लहरा उठे है उधर ही मुसरते जिधर भी ये नज़रे पाक तुमने डाली

आनंदपुर के वाली.........

 

4. रहमते इलाही यूँ बरसती रहे

नाम तेरे की छाई ये मस्ती रहे

गुलशन रहे यूंही आबाद तेरा, सलामत रहे तेरी पाकीजा कमाली

आनंदपुर के वाली.........

 

5. तेरी तस्वीर सीने से ओझल न हो

दिल में छाई तेरी नूरे तस्वीर हो

करो कर्म दिन रात ह्रदय पे मेरे, बरसती रहे बंदगी की गुलाली

आनंदपुर के वाली.......

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