Tuesday, December 29, 2020

40. रहमत का तेरी सतगुरु

 

भजन-40

 

रहमत का तेरी सतगुरु मिलता रहे सहारा

कोई भी संगी साथी, तुम बिन नहीं हमारा

 

1.  तेरी शरण में आके तकदीर है जगाई

नहीं जीत हार देखी बाजी है सब लगाई

केवल तूही प्रीतम आखों का मेरी तारा रहमत का............

 

2.  करूँ तुझसे प्यार ऐसा जैसे चाँद से चकोरा

गैरों की प्रीत से है अब अपने मन को मोड़ा

आँखों से तेरे नाम की रहे बहती प्रेम धारा रहमत का............

 

3.  दिल आप से लगा के खुद से हुआ बेगाना

श्री चरणों में मिला है जब से प्रभु ठीकाना

मेरा दिल दीवाना चाहे तेरे प्रेम का ईशारा रहमत का............

 

4.  मेरे मन के मंदिर में बसे मूरत तुम्हारी

रहूँ हम दम मैं निहारता छवि तेरी प्यारी प्यारी

नजरों के आगे दास की रहे तेरा ही नजारा रहमत का............

 

 

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