भजन
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तेरे द्वारे दी ऊँची -2 शान वे
मैं ते हो गई कुरबान वे
1. श्री आनंदपुर सतगुरु रहंदे
सब प्रेमियाँ नू दर्शन देंदे
सारे करदे ने महिमा दा गान वे मैं................
2. द्वारे तेरे ने दाता दिल साडा लय लया
दर तेरे आके हुन ता तेरे जोगा रह गया
तेरे चरणा तो वारा जींद जान वे मैं................
3. भक्ति मुक्ति दे खोले भण्डारे
सतगुरु अपने प्रेमिया दे सहारे
दर तेरा है सुखा दी खान वे मैं................
4. छडी ना दाता हुन कदीं मेरा साथ वे
आवे न विछोड़े वाली कदे श्यामां रात वे
असी जिन्दे हाँ लय लय तेरा नाम वे मैं................
5. सारे जहां विच, तुईयों साडा पीर है
दर तेरे आके साडी बनी तकदीर है
दास वारा तैथो मैं जींद जान वे मैं................
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