भजन
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जीवे हारा वाला सोना जीवे -2
ऐ कैंदे सारे ने अपने प्रेमियाँ दे सतगुरु
सच्चे सहारे है
1. जीवे हारा वाला सोना गल इश्क दी गानी ऐ
मेरा हजूर सोना सारे दिला दा जानी ऐ जीवे..........
2. जीवे हारा वाला सोना गल फुला दा हार पाया
भवपार करावन लई सतगुरु बन तारण हार आया जीवे............
3. जीवे हारा वाला सोना बड़ा सोना नजारा है
रूहानी सिंहासन ते बैठा सतगुरु प्यारा है जीवे...........
4. जीवे हारा वाला सोना ऐ जोत ईलाही है
दरबार आनंदपुर बना सच्ची भक्ति लुटाई है जीवे........
5. जीवे हारा वाला सोना दास अर्ज गुजारे जी
हर पल अंग संग रहों मेरे प्रीतम प्यारे जी जीवे..........
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