भजन -3
मुस्कान तेरी साडी जींद जान सतगुरु, मुस्कान
तेरी..........
लख वारी जाईये तैथो कुरबान सतगुरु, मुस्कान
तेरी
1. अखियाँ दे सामने रूप, तेरा गुरु जी रहन्दा
ठरदी ऐ आत्मा वी, मन वी निरोगी रहन्दा
तू
खिड़े ते आवे मुर्दा विच जान सतगुरु मुस्कान तेरी
2. तक- तक चान नूँ चकोर जीवें ठरदा
तेरी मुस्कान वाजों साडा जी नहीं भरदा
तेरा
रूह-रुह ते लिखया है नाम सतगुरु मुस्कान .........
3. मेरे सतगुरु वरगा होर ना जहान विच
हर दम रहन्दी तेरे दर्शन दी दिल विच खिच
शरण
आके तेरी होये भव पार सतगुरु मुस्कान तेरी........
4. ओवगुणा भरे सी असी, फिर वी है लाया शरणी
होर किसे दे अगे झुकदा ना साडा सर वी
शरण
आके इसदी, होये खुशहाल सतगुरु मुस्कान तेरी....
5. तपिश मिटादे अपने प्यार दी फुहार कर
सतगुरु प्यारे हर दिल ठण्डा ठार कर,
गम वाला किदरे रहे ना निशान सतगुरु मुस्कान
तेरी........
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