भजन -18
यही हसरते तलब है यही आरजू है मेरी
ना हटे मेरी निगाहें तेरे रुख से जिंदगी में
1. तुम सामने बिराजे सजदा मैं कर रहा हूँ
बड़ा लुत्फ आ रहा है मुझे तेरी बंदगी में
न
हटे मेरी निगाहें............
2. मेरा दिल ये चाहता है, मैं ये ही सोचता हूँ
कोई दूसरा न आये अब मेरी जिंदगी में
न
हटे मेरी निगाहें............
3. फूलों की ताजगी में, तारों की रोशनी में
जो बात देखी तुझ में, नहीं देखी है किसी में
न
हटे मेरी निगाहें............
4. मेरी आखिरी तमन्ना सतगुरु कुबुल कर लो
जिन्दगी भर रहे दास, तेरी ही बंदगी में
न हटे मेरी निगाहें............
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