Tuesday, December 29, 2020

18. यही हसरते तलब है

 

भजन -18

 

यही हसरते तलब है यही आरजू है मेरी

ना हटे मेरी निगाहें तेरे रुख से जिंदगी में

 

1. तुम सामने बिराजे सजदा मैं कर रहा हूँ

बड़ा लुत्फ आ रहा है मुझे तेरी बंदगी में

न हटे मेरी निगाहें............

 

2. मेरा दिल ये चाहता है, मैं ये ही सोचता हूँ

कोई दूसरा न आये अब मेरी जिंदगी में 

न हटे मेरी निगाहें............

 

3. फूलों की ताजगी में, तारों की रोशनी में

जो बात देखी तुझ में, नहीं देखी है किसी में

न हटे मेरी निगाहें............

 

4. मेरी आखिरी तमन्ना सतगुरु कुबुल कर लो

जिन्दगी भर रहे दास, तेरी ही बंदगी में

न हटे मेरी निगाहें............

 

 

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