Monday, December 21, 2020

13. गुरु का दरबार निराला

 

भजन -13

 

गुरु का दरबार निराला है -2 दरबार निराला है -2

कैसी सुंदर छवि है, तेरा रूप निराला है

 

1. गुरु जी की महिमा गाए, अपने गुरु को मनाए

   गुरु की शान निराली, प्रभु की लीला न्यारी हो.............

   सतगुरु की लीला न्यारी हर कोई गाता जाता है गुरु...........

 

2. जो भी दरबार में आते, आपके वो हो जाते

   रूहानी महिमा गाए, अपने गुरु को रिझाए हो..........

   सब गुरुमुख कहते है, तेरा प्यार निराला है गुरु...........

 

3. जो भी है दर्शन करता, जन्मों के पाप है मिटते

   झोलियाँ ये सबकी भरते, भरा है अमर खजाना

   सारी संगत बोले गुरु का प्यार निराला है गुरु........ 

 

4. द्वार की ये महिमा न्यारी, चले न जादू टोना

   द्वारे की चर्चा करता, जमाने का हर इक कोना

   राधा के संग कृष्ण बने ग्वालों के ग्वाला है गुरु.............

 

 

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