भजन-59
मेरे सतगुरु प्यारे ने है मेरा भाग्य जगाया
अज दी घड़ी सुहानी आई, गुरां दा दर्शन पाया
बोलो जय -२ जय गुरां दी जय -२ जय
1. मेरे
सतगुरु दाता जी दी महिमा बड़ी निराली
सबदे दुखड़े हर लैंदे ने दुनिया दे वाली
मेरे सतगुरु दाता जी ने ऐसा प्यार लुटाया आज दी घड़ी....
2. सुख दे
सागर सतगुरु मेरे ऊँची शान वाले
ऐदा दर्शन ओ पांदे जेड़े भक्त है कर्मा वाले
सारे जग दे अंदर ऐना ने डंका खूब बजाया आज
दी घड़ी....
3. मेहरा वाले
सतगुरु जी ने ऐसी किरपा लुटाई
प्रेमी दे दिल दे अंदर मस्ती अजब है छाई
भर भर जाम है भक्ति वाला ऐसा अजब पिलाया आज
दी घड़ी....
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