भजन-56
जम्या सी जदो मैं आनंदपुर गया सी
बापू जी ने वारे सतगुरु नू कया सी
जय कार बाई जी ने करनी सिखाई
ओदे बाद मित्रा दा नाम हो गया
मेरा सोलवां टपया सत्तारवा वी टपया अठारवे च सतगुरु
दा गुलाम हो गया
1. एक सतगुरु जी दे प्रेमी नाल यारी पय गई
नाल आनंदपुर जान दी तैयारी हो गई
घरवाली ने भी दो दो परांठे पैक कर
दित्ते
नाल नीम्बू दे अचार दी थैली धर दित्ती
चदो वेखया मैं सतगुरु जी मुखड़ा
ओदे बाद इसदा गुलाम हो
गया............
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