भजन
-45
पाओ
भंगडे -2 मेरे गुरा दे द्वारे उत्ते पाओ भंगडे –2
मैं
वी नचा तू वी नचे-नचे संगत सारी
नाच
-नाच के भंगडे पाओ आ गये शाम मुरारी
1.
बारह बरसी खटन गया सी
खट के ले आंदी पतंग
जेड़ा सतगुरु नां ध्यावदां गुरु होंदे है अंग
संग पाओ.......
2.
बारह बरसी खटन गया सी
खट के ले आंदी दाल
मेरे सतगुर जी दी है मोरा वरगी चाल
पाओ..........
3.
बारह बरसी खटन गया सी
खट के ले आंदी चाबी
असी गुरुमुख भागा वाले साडा सतगुरु है पंजाबी
पाओ.........
4.
बारह बरसी खटन गया सी
खट के ले आंदी छोले
ओदे नाल नईयो बोलना जेड़ा जयकारा ना बोले
पाओ......
5.
बारह बरसी खटन गया सी
खट के ले आंदा साह
असां सारे रुल जाना सी जे तुसी न पकड़दे बाह
पाओ..........
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