भजन -61
हर प्रेमी
तेरा हुआ दीवाना जित्थे -2 जाए पीछे ओंदा
कदे
आनंदपुर जी कदे प्रयाग धाम जी सोने -२ दर्श दिखान्दा
भक्ति दी
दात लुटांदा
1.
ओ पता नहीं जी कौन सी दवा देते है
सतगुरु मेरे भव सागर से तार देते है
जो दुखड़े वाले दिन थे वो सारे चले गए
वो सर पर रख कर हाथ दया करते है
सब जानदा है दिला दिल जानी
तेरा जेहा ना होर कोई दिल जानी,
मेरा सतगुरु आनंदपुर वाला खोलदा ऐ
किस्मत दा ताला
कदे आनंदपुर जी...........
2.
श्री दर्शन की महिमा देवी देवता गाते है
रूप बदल कर सतगुरु के चरणों में आते
है
देव लोक से फूलों की वर्षा बरसाई है
श्री दर्शन की होवे लाखों लाख बधाई
है
पाके दर्शन मेरे मन की कली खिल गई
सच्ची खुशियों की मुझको ये दात मिल
गई
बैठी सामने है सच्ची सरकार जी वेख -२
दिल मुस्कुरान्दा
कदे आनंदपुर जी...........
3.
दूर -2 से दर्शन पाने आये प्रेमी जन
पाकर तेरे सोने दर्शन खिल जाए तन मन
खाली झोली लेके भर भर के जाते है
देवी देवता श्री चरणों में शीश
झुकाते है
हर दिल विच सतगुरु वसदा ऐ तू
हथ संगता दे सिर उत्ते रखदा है तू
मेरे सामने ही बैठे सतगुरु प्यारे
दार रहे दर्शन पांदा
कदे आनंदपुर जी...........
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