Monday, December 21, 2020

15. हारां वाले का सजा दरबार

 

भजन -15

 

हारां वाले का सजा दरबार मैं नाचूँ तेरे अंगना में

 

1. श्री मंदिर है सोना सजाया

प्रेमियों ने अपने दिल में बसाया

छवि तेरी है अपरम्पार मैं नाचूँ …………….

 

2. ढोलक बाजे चिमटा बाजे

ऊँचे सिंहासन पे आन विराजे

जयकारा बोलो एक बार मैं नाचूँ …………….

 

3. सतगुरु जी का दर्शन कर लो

अपनी-अपनी झोलियाँ भर लो

मेरे सतगुरु ने खोला भंडार मैं नाचूँ …………….

 

4. पैरों में अपने बांध के घुँघरू

आठों पहर तेरा नाम मैं सिमरूँ

मैं जाऊँ बलि-बलिहार मैं नाचूँ …………….

 

5. दासन दास तेरे दर पे खड़े है

दो दर्शन चरणों में पड़े है

विनती सुन लो हमारी एक बार मैं नाचूँ …………….

 

 

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