भजन-41
जिसपे भी एक नजर डाली
उसकी किस्मत का लिखा बदलता है
आनंदपुर का बच्चा -2 मेरे सतगुरु की रहमत पे पलता है
1. सतगुरु
जी का दर्श मिला, जीवन मेरा सारा खिला
सतगुरु की
किरपा से जीवन, सारा ये मेरा चलता है
आनंदपुर का बच्चा.......
2. शरण
में जो भी आ जाता है, सब कुछ इनसे पा जाता है
खाली
कोई नही रहता, झोली भरके यहाँ से निकलता है
आनंदपुर का बच्चा.......
3. सतगुरु
जी का दर ये मिला, मुरझाया जीवन फिर से खिला
कोई करेंसी
चले न चले, इनका सिक्का तो दुनिया में चलता है
आनंदपुर का बच्चा.......
4. तूने
सम्भाला है सतगुरु मेरे, सब कुछ मिला है दर से तेरे
उसको दुनिया
गिराएगी क्या, जो क़दमों में तेरे संभलता है
आनंदपुर का बच्चा.......
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