भजन-68
चन जाये मुखड़े दा पे गया लश्कारा
मेरे सतगुरु आनंदपुर तो आये बोलो जय -जय कारा
1.
मेरे सतगुरु आनंदपुर
वासी दिलां दे है ऐ राजा
वखरी जग तो तोर है इसदी, है मेरे
महाराजा
अपने प्यार रंग चढ़ाके सबना नू है
तारा चन जाए............
2.
कागा तो है हंस बनादे,
नाम दी दात लुटादे
अपने सारे प्रेमियाँ नू, भक्ति दा रंग चढ़ान्दे
तू ही दाता सबतो सोना, अखियाँ दा है
तारा चन जाए...............
3.
मेरे स्वामी सतगुरु
दाता प्रीत तेरे नाल लाई
सारी दुनिया दा तू मालिक, आया मैं शरणाई
चरण कमल दी भक्ति बक्शो तेरा एक
सहारा चन जाए...............
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