भजन
-42
मैं नीवी मेरा मुर्शिद ऊचाँ, उच्चयाँ दे नाल
लाई
सदके जावां इना उच्चयाँ तो जिनां निवयाँ नाल
निभाई
1. जे मैं वेखां अवगुण अपने कुछ ना मेरे पल्ले
जे
मैं वेखां रहमत तेरी मेरे भाग सवल्लें मैं नीवी ....................
2. डोल रही सी नैया मेरी तुसां आन बचाई
धन
नी सइयों मुर्शिद मेरा जिन्हां बाहँ पकड़ लई मेरी मैं नीवी
3. माली बाग दी राखी करदा, फल कच्चे होन या पक्के
सतगुरु
सबते रहमत करदा, चेलां पक्का होवे या कच्चें मैं नीवी
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