भजन -38
सबसे सुंदर सबसे प्यारा है तेरा दरबार
बना रहे यूँ हम पे प्रीतम सदा तुम्हारा
प्यार
तेरा दरबार न छूटे प्यार की तार न टूटे
1.
तुझसे
नेह लगा कर, पाए है सुख सारे
पिछले कई जन्मों के
जागे भाग्य हमारे
कहां मिलेगा ऐसा
सच्चा बिन स्वार्थ का प्यार तेरा दरबार.....
2.
तुम
हो दीन दयालु, रहमत तेरी क्या कहना
तुमने सिखाया जीना,
सच की राहों पर चलना
बिना तुम्हारे सपने
में भी जीना है बेकार तेरा दरबार.....
3.
तेरे
ही श्री चरणों में बहती है प्रेम की धारा
उसमे है सब तीर्थ यह तीर्थ राज तुम्हारा
यहाँ झुका के सिर को हमने पाया शांति भण्डार तेरा
दरबार.....
4.
प्रेमी
है हम तेरे, तन मन तुझ पर वारें
तुम ही संग सहाई, तुम भगवान हमारे
जन्म -2 में मिले हमेंशा यह पावन दरबार तेरा दरबार.....
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