भजन-58
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा
तूफ़ान में
1. तन का दिया मन की बाती, हरी भजन का तेल रे
काहे को तू घबराता है प्राणी, ये तो प्रभु का खेल रे जिसकी लागी.........
2. इस दुनिया में कौन बनाये, सबके बिगड़े काम रे
अनहोनी को होनी करदे, उसका नाम है राम रे जिसकी लागी.........
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