भजन
-46
जादूगर शाम मेरा दिल लूट ले गया
सोना जया मुखड़ा मैं वेख दा ही रह गया
1. नाम दा खजाना दिता किरपा बरसा के
जिंदगी दी डोर मेरे हाथ च फड़ा के
दिल
दे सिंहासन उते आप आके बै गया सोना...........
2. जदो ओदे नैन मेरे नैना विच आ गए
सारे अपराध मेरे पल विच बह गए
पापा
वाला बोझ मेरे सिर उत्तो लय गया सोना.........
3. जन्मां दा प्यासा मैं श्याम वल जावदां
सतगुरु कोलो मिलया नाम दा खजाना
दिल मेरा शाम नाल विच मैं हो गया सोना...........
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