भजन
-28
तेरे नैना दे प्यालेयां तो ज़रा पीती है
मैं ता थोड़ी पीती है जरा जिनी पीती है
1. मैनूँ दुनियां दी लोकों कोई होश न रही
चुप कितिया जुबान ऐ खामोश न रही
मेरी एक- एक गल दा तराना हो गया
मैं दीवाना हो गया मैं मस्ताना हो गया
तेरे
नैना.........
2. मैं गरीब नहीं जे लोकों मैं अमीर हो गया
शाह मिलया ते शाही मैं फकीर हो गया
मेरा धरती तो उचाँ आशियाना हो गया
मैं दीवाना हो गया मैं मस्ताना हो गया
तेरे
नैना.........
3. जित्थे वेखदा मैं तेरे ही नजारें वेख दा
तेरी मुट्ठी विच चान ते सितारे वेख दा
मेरे आसे-पासे महला दा खजाना हो गया
मैं दीवाना हो गया मैं मस्ताना हो गया
तेरे
नैना.........
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