भजन -6
कोई पिछले जन्म के अच्छे कर्म मुझे सतगुरु
तेरा प्यार मिला
जहां सारी दुनियां झुकती है मुझे वो आली
दरबार मिला
1. जग के झूठे नाते देखे, देखा न सच्चा प्यार कहीं
जहां दिल को आके चैन मिले, है वो आली दरबार यही
सतगुरु मुझको मिल गया ऐसा, कोई हुआ न होगा इस जैसा
जहां
सारी........
2. कोई हमें अब क्या देगा इस दर से जो हमने पाया है
जिस को तरसे जन्नत सारी मेरे सर पर तो वो साया है
अब
रूप धार के आया, उनमे रब का दीदार मिला जहां सारी..........
3. श्रद्धा से जो तेरे दर बैठे उसने ही सब कुछ पाया है
धन दौलत चरणों की दासी संसार भी फीकी माया है
इनसे
तो इनको ही मांगो, ये मिले तो सब संसार मिला जहां......
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