भजन
-9
तेरे रंग में रंगी मेरे दिल की कली
खिला जो मेरा दिल सारी बगियां खिली
1. कभी न जो बिछड़े, वो साथी हूँ मैं
तू मेरा दिया तेरी बाती हूँ मैं
जो बुझाया बुझी, जलाया जली खिला जो मेरा..........
2. ये कैसा अनोखा है बंधन सजन
बिना डोर के बंध गया मेरा मन
तू जिधर ले चला मैं उधर ही चली खिला..........
3. तू सूरज मैं सूरजमुखी हूँ पियां
ना देखूँ तुझे तो खिले ना जियां
तेरे रंग में रंगी मेरे दिल की कली खिला.......
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