भजन -53
लूट के ले गया दिल
जिगर, संवारा जादूगर
सांवरा मेरा सांवरा, सांवरा
मेरा सांवरा
1. मैं तो गयी भरने
को यमुना से पानी,
देख छबि नटखट की हुई मैं दीवानी,
उसने मारी जो तिरछी नज़र, सांवरा
जादूगर।
2. तान सुनी बांसुरी
की सुध-बुध मैं खोई,
भूल गयी लोकलाज बस तेरी मैं होई,
छोड़ के तुझ को जाऊं किधर, सांवरा
जादूगर।
3. बाँध ली हमने तुझ
से आशा की लड़ियाँ,
हैं यही तमन्ना शेष जीवन की घडियाँ,
तेरे चरणों में जाए गुजर, सांवरा
जादूगर।
****