भजन
-24
कई जन्मों से बुला रही हु
कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥
नज़रो से नज़रे मिला ना पायी मेरी नज़र का
कसूर होगा॥
1. तुम्ही तो मेरे मात पिता हो
तुम्ही तो मेरे बंदु सखा हो
कितने ही नाते तुम संग जोड़े
कोई नाता तो जरुर होगा, कई जन्मों से बुला रही हूँ........
2. कभी भुलाते हो वृदावन मे
कभी भुलाते हो मधुवन मे
अपने घर तो रोज बुलाते
मेरे घर भी आना जरुर होगा कई जन्मों से बुला रही हूँ......
3. तुम्हे तो मेरे आत्मा हो
तुम्ही तो मेरे परमात्मा हो
तुझी में रह कर तुझी से पर्दा
पर्दा हटना जरुर होगा कई
जन्मों से बुला रही हूँ......
4. आखों में बस गई तस्वीर तेरी
दिल मेरा हो गया, जागीर तेरी
दासी की विनती तुम्हारे आगे
दर्श दिखाना जरूर होगा कई जन्मों से बुला रही हूँ......
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