भजन -59
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों
में जगह देना,
1. तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,
इस तन में समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो।
नित्त नाम जपूँ तेरा, नहीं नाथ भुला देना, गुरुदेव दया...........
2. पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ,
तेरे दर का भिखारी हूँ, तेरे चरणों का चेरा
हूँ
मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगा देना
गुरुदेव दया...........
3. करूणानिधि नाम तेरा, करुणा दिखलाओ तुम,
सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम।
मेरी नाव भवर डोले इसे पार लगा देना गुरुदेव दया...........
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