भजन
-36
शुक्राने गाये दिल घड़ी -2 आपका
आपने दिया है मुझे प्यार दो जहान का
1. अँखियों में तेरे मेरे प्यार के साये है
अश्कों के मोती तेरी याद में बहाये है
गुण क्यूँ न गाऊं मैं ऐसे मेहरबान का आपने
दिया..............
2. दुनियाँ की प्रीत को दिल से भुला के
खुश हूँ मैं दिल सतगुरु से लगा कर
लिख दिया दिल पर नाम मैंने आपका आपने
दिया..............
3. गुरु तेरा प्यार ही मेरा ईमान है
उसके सहारे चल रहे मेरे प्राण है
रिश्ता हमारा जैसे शमा परवाने का आपने
दिया..............
4. करता था मन तंग शाम सवेरे
अब वह नहीं है बस में मेरे
कर दिया खात्मा उस बेईमान का आपने
दिया..............
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