Friday, December 18, 2020

51. अगर नाथ देखोगे अवगुण

 

भजन -51

 

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

1.    हमारे लिए क्यों देर किए हो,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
पतितो को पावन करते कृपानिधि,
किए पाप है इस सुयश के सहारे, अगर नाथ...........

 

2.    ये माना अधम है अपावन कुटिल है,
सब कुछ है लेकिन है भगवन तुम्हारे,
मन होगा निर्मल तुम्हारी कृपा से

इसे शुद्ध करने में हम भक्त हारे अगर नाथ...........

 

 

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