भजन
-40
आए हैं शरण तेरी, गुरुदेव कृपा कर दो।
इस दीन दुखी मन में आनंद सुधा भर दो॥
1. दुनियां से हार कर के, अब द्वार तेरे
आया।
श्रद्धा के सुमन चुनके, सद्भाव से हूँ लाया।
करुणा का हाथ सिर पर हे नाथ मेरे धर दो॥
2. अनजानी मंजिल है, चहुँ दिशा है अंधिआरा।
करुणा निधान अब तो बस है तेरा सहारा।
टूटी मन वीणा में मेरे भक्ति का स्वर भर दो॥
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