भजन-103
गाये
गुनवाद सतगुरु के, बड़े उपकार किये हम
1. परमहंसों की हम पे हुई ये
कृपा भारी
श्री आनंदपुर नगरी बनाई प्यारी -२
बैकुंठ उतारा धरती पे बड़े उपकार...........
2. दयालु इनसा कोई नहीं और देखा
जग में
भरे खुशियों से झोली आये जो इनकी शरण
में
भरे भण्डार है इनके गाये गुनवाद........
3. है ये जग तारन हारे, सृष्टि
के पालन हारे
करे भक्तों की रक्षा, है हम सबके
रखवारे
जाए बलिहार हम इनपर गाये गुनवाद...........
4. प्रभु ने बक्शे हमकों, बड़े
उत्तम ये साधन
आरती पूजा सेवा सत्संग सुमिरन दर्शन
है ये आधार जीवन के
5. प्रभु हम दास तुम्हारे
तुम्हीं जीवन सहारे
हमारी जीवन नईयां आपके ही हवाले
करोंगे पार तुम्ही भव से गाये
गुनवाद..............
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