Monday, December 14, 2020

151. वाह-वाह,कया समाँ,दिलबर

 

भजन-151

 

वाह-वाह,कया समाँ,दिलबर, जों आज आया हैं-२,

प्यारें सतगुरु का दर्शन,जों पाया हैं-२,

वाह-वाह,कया समाँ,दिलबर, जों आज आया हैं-२,

ऐसें सतगुरु का दर्शन,जों पाया हैं-२, वाह-वाह,कया समाँ,दिलबर, जों आज आया हैं-२,

 

1.  आज दिन ये बड़ा,भागों वाला हैं-२,

किया दर्शन प्रभु का,निराला हैं-२,

कैसा मौसम-२,सुहाना ये,आया हैं-२, वाह-वाह.......

 

2.  आज सन्तों की महफिल, जों सज रही हैं-२,

आज भक्ति की गंगा, जों बह रही हैं-२,

किस्मतवालों नें-२,गोता लगाया हैं-२, वाह-वाह.......

 

3.  आज कुटिया पर,सतगुरुजी आये है-२,

संग बहारें और,खुशियाँ भी लायें हैं-२,

नूरीं जलवा-२,जों हमकों दिखाया हैं-२, वाह-वाह.........

 

4.  प्रेमी ऐसी घड़ी,क्या मैं उपमा कहूँ-२,

प्यारें सतगुरु की रहमतं कों,कैसें कहूँ-२,

मेरा जीवन-२,इन्होंने बनाया हैं-२, वाह-वाह..........

 

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