भजन-147
अज
लिया गुरु अवतार इस अवतार के सदके है
आई
बसंत बहार इस बहार के सदके
उस
दिन था शुक्रवार, शुक्रवार के
सदके है
आई
बसंत बहार इस बहार के सदके
1.
ऐ मालन हार बनाया हार पहनाने के लिए
इस हार के बहाने दर्शन पाने के लिए
इस हार के फूलों की इक-इक तार के सदके है
आई बसंत......
2.
सब आकर देन वधाईयां प्रभु दयाल लाल के
कर दर्शन खुशियाँ छाया ऐसे दीनदयाल के
लख वारी सदके जांवा प्राणाधार के सदके है
आई बसंत.......
3.
है दिन था पांचों चोरों को वश करने के
लिए
बिछड़े हुए भक्तों के दुखड़े हरने के
लिए
इस संकटमोचन मनमोहन सरकार के सदके है आई
बसंत......
4.
तेरा दासनदास सुनता और गुण गाता ही रहे
शुभ दिन बसंत मनाने आनंदपुर आता ही रहे
क्या वारूं कुछ नहीं मेरा इस दिलदार के
सदके है आई बसंत.......
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