भजन-118
छाई हर दिल में खुशियाँ अपार प्रभु तेरे दर्शन से
आई रोनक भी करके श्रृंगार प्रभु तेरे दर्शन से
1.
चारों दिशाएं महक उठी
है
हर दिल की कलियाँ चहक उठी है
मिला रूहों को चैन और करार प्रभु तेरे दर्शन से
2.
श्री आनंदपुर की महिमा
को गाते
ऋषि मुनि गन है सब सकुचाते
मिला रूहों को चैन और करार प्रभु तेरे दर्शन से
3.
नाम और भक्ति की गंगा
बहाई
हर दुःख गम से निजात दिलाई
मिला प्रेमा भक्ति का भण्डार प्रभु तेरे दर्शन से
4.
अर्ज श्री चरणों में
हमारी
मिटे न कभी दर्शन की खुमारी
तेरे दासों का मन गुलजार प्रभु तेरे दर्शन से
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