भजन -106
युग -२ राज करों करते दुआ दातेया
देंदे रहों प्यारे दर्शन एहो फरियाद
दातेया
शुभ राज तिलक आया मिल खुशियाँ मनाओ जी
रल मिल आओं प्रेमियों सब मंगल गाओ जी
1. तुसी अर्शा तो
आये हो डेरे फरशा ते लाये ने
किती रहमत ते किरपा सोने दर्शन दिखाए ने
करों दाता एक और किरपा डेरे दिल विच लाओ जी युग -२
2. रहे दिल विच आस
मेरे तेरा ही ध्यान धरे
ओ बन के पुजारी रवां, तू मेरा भगवान रहे
बैठो दिल वाले आसन ते सोने दर्श दिखाओ जी युग----
3. श्री सेहत मुबारक
रवे होर कुछ वी न मंगदे हाँ
तेरे चरना च प्यार रवे, बस इतना ही वर देना
दास दी तमन्ना ऐनी सानु चरना तो लाओ जी शुभ.........
4. तेरा सोना रूप
दाता जी मेरी अखियाँ च वस जाए
देखां मैं जिधर दाता बस तू ही नजर आये
दास दी तमन्ना ऐनी सानु चरना तो लाओ जी शुभ.........
****