भजन-141
कर मन
गुरु संग प्यार सौदा बड़े नफ़े का
करके
देख इक बार सौदा बड़े नफ़े का
1.
इस सौदे विच मूल ना घाटा (ज़रा ना
घाटा)
इस सौदे विच वाधा ही वाधा
भगती भरे भण्डार सौदा बड़े नफ़े का...............
2.
इस सौदे विच देर ना लाईये
तन मन धन दी भेंट चढ़ाईये
गुरु हैं बड़े दातार सौदा बड़े नफ़े का..............
3.
धीयां पुत्तर माल खज़ाना
अंत वेले तेरे कम नी आणा
मतलब दा संसार सौदा बड़े नफ़े का...............
4.
ऐ सौदा सत्संग विच मिलदा
चरणां दा चरणांमत मिलदा
हो जाओ भव से पार सौदा बड़े नफ़े का............
5.
आओ रल- मिल सौदा करिये
हर वेले उस प्रभु तों डरिये
जो करदे भव से पार सौदा बड़े नफ़े का...........
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