भजन-154
सोना
-२ पाके सतगुरु सोना किन्ना लगदा
सोने
उत्ते चानन सोना दूरों -२ वगदा
वधाईयां
ल लो जी आया वाली जग दा
1.
चांदी दा मैं हार ले आवा विच सोने दिया
तारा
जे मेरी बाह फड़ के नचे पंज पतासे वारा
के खुशियाँ मनालो जी छिड़ियाँ मौज बहारा.............
2.
ऐ जादूगर जग दा आया खुशियाँ दा मौसम
छाया
आप तां बैठा भोला बन सानु खूब नचाया
छम -2 नचलो जी गुरां दा बर्थडे
आया...........
3.
अम्बरो जाके तेरे वास्ते तारे तोड़ ले आईये
कल्ला-२ तारा तेरे चरना च भेंट कराइये
के भंगडे पालो जी लगियां तोड़
निभाइए...............
4.
बर्थडे वाला केक मैं खाना असी ते अज
नहीं जाना
जब तक मिले न सानु सतगुरु असी ता नची
जाना
के संगता नच -२ के तेरा बर्थडे मनाना...............
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