भजन-115
हारा वाले तेरे सिवा सारे जहा में ना कोई मेरा
तेरी ही कहलाऊं मेरे प्रिया कर देना मुझ पर ऐसी दया
1.
यादों ने तेरी दाता जी
बेचैन मुझकों कर दिया
इन तरसती आखों की बढ़ रही बेताबियाँ
लिख लिख हाथों में नाम तेरा तुम से तुम को मांग
लिया हारा .............
2.
तेरे ख्यालों में प्रभु
जब भी मैं खो जाती हूँ
दिल की धड़कन सुन लो प्रभु सिर्फ
तुम्हे बुलाती हूँ
हारा वाले सुन लो मेरी तुझ बिन तड़पे मोरा जिया सतगुरु
प्यारे तेरे सिवा................
3.
जिक्र तेरा हो शामों
सहर रहे न मुझको अपनी खबर
डूबी रहूँ मैं तुझमे प्रभु हो जाए
मुझ पर ऐसा असर
आँखों में भर लू रूप तेरा और ना देखूँ कुछ भी पिया सतगुरु
प्यारे तेरे सिवा................
4.
सामने गर हो मेरे
इन्तजार क्यूँ तेरा
ये बता दो दाता जी कैसा है ये प्यार
तेरा
इक पल रोऊँ मैं एक पल हँसु ऐसा तूने क्या कर दिया सतगुरु
प्यारे तेरे सिवा................
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