भजन -158
मुझे
तुम मिल गए सतगुरु सहारा हो तो ऐसा हो
जिधर देखू
उधर तुम हो नजारा हो तो ऐसा हो
1.
तेरे दर पे जो आ जाये, मिटा कर अपनी
हस्ती को
उसे जन्नत ही मिल जाए द्वारा हो तो ऐसा
हो
मुझे तुम मिल.................
2.
तेरे दर्शन की मस्ती में ये हरदम झूमता
है दिल
बदल देते हो तकदीरे सितारा हो तो ऐसा
हो
मुझे तुम मिल.................
3.
मेरी जीवन की नईयां के तुम्ही माझी हो ऐ सतगुरु
मिले जो तेरी कृपा से किनारा हो तो ऐसा
हो
मुझे तुम मिल.................
4.
तेरे चरणों में दासी की प्रभु है
इल्तजा इतनी
ना एक पल को जुदा होना प्यारा हो तो ऐसा
हो
मुझे तुम मिल.................
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