भजन-114
खुशियाँ ये छाई है शुभ घड़ियाँ आई है
पाए जो सुंदर दीदार ये दिल गाये शुकराना
1.
स्वर्ग की धरती पे हमको
बिठाया
काबिल नहीं थे अपने काबिल बनाया
किए है कितने उपकार क्या भेंट करूँ नजराना पाए जो.............
2.
सुंदर सुंदर मंदिर बनाए
प्यारे प्यारे दर्श दिखाए
बक्शा है ये दीदार दिल गाये ख़ुशी का तराना पाए जो.............
3.
दुखी जीवों की सुनके
पुकारे
प्रभु मेरे श्री आनंदपुर पधारे
दिया है सुख बेशुमार किया इस दिल को दीवाना पाए जो.............
4.
दासन दासी चरणों में
तेरे
अर्ज करे सुनों स्वामी जी मेरे
बक्शों का ये चरणों का प्यार दो भक्ति का खजाना पाए
जो.............
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