भजन-108
प्रभु जी तेरे प्यार का सहारा जो मिला
जैसे बंजर जमीन पर गुलाब है खिला
1.
रूहों के मालिक विराजे
आन के
दिल की जानन हारे है खूब जानते
प्यार ऐसा सतगुरु तुम्हारा जो मिला जैसे..........
2.
सतगुरु के चरणों में
जन्नत मेरी
रूहानी दात पाने की सुहानी ये घड़ी
दीदार मेरे सतगुरु तुम्हारा जो मिला
जैसे...........
3.
वचनों की कर दी रूहानी
बरसात
बड़ी भाग से पाया साथ महाराज
द्वार ऐसा सतगुरु तुम्हारा जो मिला
जैसे ...............
4.
दर्शनो की कितनी सुहानी
है ये दात
दास पे लुटाते रहों प्यारी नूरी दात
नाम रूपी दात का सहारा जो मिला जैसे..........
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