भजन-139
ना
तोड़ी शाम वे मेरी प्रेम वाली डोर
प्रेम
वाली डोर, तेरे जेहा ना कोई होर
1.
डोरी टूटेया पै गठ जांदी ओह गल्ल फेर
ना रेंहदी
तेरे चरणां चे बैठ के शामा हथ जोड़ मैं
केंहदी
मेरा तेरे उत्ते ज़ोर आजा आजा नंद
किशोर............
2.
कोई ना अपना बनेया साथी वेख लेया जग
सारा
तूईयों मेरे दिल दा मरहमतेरा इक सहारा
तू वी बनी ना कठोर आजा आजा नंद किशोर...........
3.
तेरी वाणी मिठी लागे गा के वक्त
गुज़ारा
नैना दा हुण नीर नी रुकदा धड़कन दिल
दियां तारा
मैंनू तेरी बड़ी लोड़ आजा आजा नंद
किशोर..........
4.
कोठे चढ़- चढ़ काग उड़ावा तैनू रोज़
उड़ीका
वेखी किधरे भुल ना जावीं तूईयों लाके
प्रीतां
ऐहो विनती हथ जोड़ आजा आजा नंद किशोर..................
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