Monday, December 14, 2020

117. जब से हुई दाता तेरी रहमत की नजर

 

भजन -117

 

जब से हुई दाता तेरी रहमत की नजर

 

1.  जिस मंजिल को पाने के लिए हम बेकरार थे जन्मों से

पाकर तुझ्कों मेरे दाता जी सब कट गए बंधन रस्ते के

करके दर्शन तेरा सुंदर हुआ दिल को सब्र जब से हुई............

 

2.  हुई खुशियों की हम पर छाया जब से पावन तेरा दर पाया

तूने दाता अपनी शरण दे कर दिया प्रेमा भक्ति का शरमाया

तेरे चरणों में अब जाए मेरा जीवन गुजर जब से हुई............

 

3.  हर जन्म में तेरा साथ रहे मेरे सर सदा तेरा हाथ रहे

इस दिल की ये आवाज कहे मैं दास रहूँ तू नाथ रहे

मेरे दिल के मंदिर में बस हो तेरा घर जब से हुई............

 

4.  श्री वचनों पर हम चलते रहे तेरे दर की सेवा करते रहे

अपने जीवन में ये अमल करे तेरे नियमों के सायों में ढले

तेरी मोहब्बत का इस दिल पे बस हो जाए असर जब से हुई............

 

 

******