भजन-137
भक्ति
की मांग लेके द्वार तेरे आया
प्यार
का गुरू जी मैं उपहार लेके आया
1.
नहीं कुछ पास मेरे जो सेवा में लाऊँ
क्या चीज़ देके सतगुरु तुझको रिझाऊं
शद्धा के फूल दो चार लेके आया प्यार का
गुरू जी...........
2.
दिल की लगन की तार न टूटे
सब कुछ छूटे तेरा प्यार ना छूटे
दिल में यही इकरार लेके आया प्यार का
गुरू जी..........
3.
माया के बंधन से मुझको छुड़ा दो
जीव के वैरी सब मार मिटादो
तेरे हज़ूर मैं पुकार लेके आया प्यार
का गुरू जी..........
4.
शरण पड़ा है तेरे दासनदास जी
किसी और पर ना मुझे विश्वास जी
दर्शन की दिल में आस लेके आया प्यार का
गुरू जी.........
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